01. बिजनेसमैन विजयपत सिंघानिया को कौन नहीं जानता? ‘द कंप्लीट मैन’ और ‘फील्स लाइक हैवन’ की टैग लाइन आपने बार बार सुना होगा। हां वहीं, हम बात कर रहे हैं कपड़े की चर्चित रेमंड ब्रांड की। विजयपत सिंघानिया के बेटे गौतम सिंघानिया अभी पत्नी के साथ तलाक को लेकर दुनियाभर में सुर्खियों में हैं। आइए जानते हैं अंबानी से अमीर उनके बिजनेसमैन पिता विजयपत सिंघानिया कैसे पाई-पाई के मोहताज हो गए हैं।

अंबानी से भी अमीर बिजनेसमैन विजयपत सिंघानिया पाई-पाई के मोहताज

02. करीब  सौ साल पुरानी रेमंड ब्रांड पहले कंबल बेचने वाली छोटी सी फैक्ट्री हुआ करती थी। इसे विजयपत सिंघानिया ने अपनी मेहनत के दम पर आज करोड़ों की कंपनी बनाई है। एक समय था जब विजयपत सिंघानिया के पास अंबानी से भी ज्यादा संपत्ति थी। उनके पास मुकेश अंबानी के घर एंटीलिया से बड़ा घर था, लेकिन आज वे अभावों की जिंदगी बिता रहे हैं।

03 सौ साल पुरानी कंपनी रेमंड के फाउंडर विजयपत सिंघानिया आज किराए के घर में जिंदगी गुजार रहे हैं। विजयपत सिंघानिया कभी अपने प्राइवेट प्लेन में हवाई सफर करते थे, आज उनके पास कार तक नहीं है। 12000करोड़ के मालिक विजयपत सिंघानिया ने बेटे को सारी संपत्ति दी थी। 

04. रेमंड की शुरुआत सौ साल पहले मुंबई से हुई। साल 1900 में महाराष्ट्र के ठाणे में एक वुलन मिल हुआ करता था, जहां कंबल बनाया जाता था। बाद में वहां सेना के जवानों के लिए यूनिफॉर्म तैयार होने लगा। साल 1925 में मुंबई के एक कारोबारी ने इस मिल को खरीदा, लेकिन कुछ साल बाद ही साल 1940 में कैलाशपत सिंघानिया ने उनसे वो मिल खरीद लिया।

05. विजयपत सिंघानिया ने इस मिल का नाम वाडिया मिल से बदलकर रेमंड मिल रख दिया। विजयपत सिंघानिया का परिवार राजस्थान का है। गुजरते समय के साथ वे कानपुर आए गए थे। उनका परिवार वहां जेके कॉटन स्पिनिंग और वीविंग मिल्स की कंपनी चलाया करते थे। आधुनिक समय के साथ अब रेमंड मिल ब्रिटेन से आने वाले कपड़ों को टक्कर देने लगा था।

06. कैलाश सिंघानिया ने फैब्रिक पर फोकस किया और सस्ते कपड़े बनाने शुरू किए। उन्होंने साल 1958 में मुंबई में सबसे पहला रेमंड शोरूम खोला। साल 1960 में उन्होंने विदेशी मशीनों को इंपोर्ट किया और उनसे कपड़े बनाना शुरू किया। 

07. साल 1980 में विजयपत सिंघानिया के हाथों में रेमंड की कमान सौंपी गई। उन्होंने कंपनी की जिम्मेदारी बखूबी संभाली और रेमंड का विस्तार करते रहे। साल 1986 में सिंघानिया ने फैब्रिक बिजनेस के साथ-साथ परफ्यूम ब्रांड पार्क एवेन्यू लॉन्च किया। उन्होंने देश के साथ-साथ विदेशों में भी विस्तार पर फोकस किया। साल 1990 में विजयपत सिंघानिया ने भारत के बाहर पहला शोरूम खोला।

08. विजयपत सिंघानिया ने साल 2015में रेमंड की कमान बेटे गौतम सिंघानिया के हाथों में सौंप दी। उन्होंने अपने सारे शेयर बेटे के नाम ट्रांसफर कर दिए। उस वक्त उन शेयरों की कीमत 1000करोड़ रुपये थी। गौतम के हाथों में कंपनी की कमान आते ही उसने रंग दिखाना शुरू कर दिया। बाप-बेटे का रिश्ता बिगड़ने लगा। एक फ्लैट को लेकर दोनों के बीच इतना विवाद हुआ कि मामला कोर्ट तक पहुंच गया।

09. फ्लैट को लेकर विवाद इतना बढ़ा कि बेटे ने अपने पिता के घर से बाहर निकाल दिया। विजयपत सिंघानिया ने मुंबई के पॉश इलाके में आलीशान घर जेके हाउस बनाया, लेकिन बेटे ने उन्हें उस घर से बाहर निकालकर किराए के घर में रहने को मजबूर कर दिया। वे आज दक्षिण मुंबई की ग्रैंड पराडी सोसायटी में किराए के घर में रहने को मजबूर हैं। बेटे ने उनसे कार और ड्राइवर तक छीन लिया हैं।

10.मीडिया रिपोर्ट के मुताबिक फ्लैट विवाद को लेकर बाप-बेटे का रिश्ता इतना बिगड़ गया कि बेटे ने बाप को घर से बाहर कर दिया। पिता विजयपत सिंघानिया ने मालाबार हिल्स में अपने ड्यूपलेक्स घर पर अधिकार मांगा था। इसी को लेकर बाप-बेटे में विवाद बढ़ता चला गया।

11. बिजनेस टुडे को दिए एक इंटरव्यूट में विजयपत सिंघानिया ने कहा कि उन्होंने अपना सबकुछ अपने बेटे को सौंप दिया, लेकिन उनके बेटे ने उनसे ही सब कुछ छीन लिया। बेटे ने उन्हें कंपनी का कुछ हिस्सा देने का वादा किया था, लेकिन, बाद में वह उससे भी मुकर गया। विजयपत सिंघानिया ने कहा कि उनका बेटा उन्हें सड़क पर देखकर बहुत खुश होता। उन्होंने अपने बेटे गौतम सिंघानिया को गुस्सैल, लालची और घमंडी इंसान बताया। Source_NBT